Kutub minar | कुतुबमीनार का इतिहास

kutub minar : कुतुबमीनार इंटों से बनीं भारत व विश्व की सबसे बड़ी मीनार है है जो राजधानी दिल्ली के महरौली ने स्थित है| कहा जाता है की अफगानिस्तान स्थित जाम के मीनार से प्रेरणा स्रोत्र गुलाम वंशी शासक कुतुबुद्दीन ऐबक 1193 ई० में कुतुबमीनार की आधारशिला रखी और इसके पहली मंजिल (ग्राउंड फ्लोर) का ही निर्माण कर सका| 1210 ई० में चौगान खेलते समय घोड़े से गिरने के कारण लाहौर में ऐबक की मृत्यु गई| अतः ऐबक इसकी पहली मंजिल (ग्राउंड फ्लोर) का ही निर्माण करवा सका|

स्थितदिल्ली, भारत
ऊंचाई72.5 मीटर
आधार का व्यास14.3 मीटर
शिखर का व्यास2.75 मीटर
सीढियाँ379
आधारशिलाकुतुबुद्दीन ऐबक, 1193 ई०
कुतुबुद्दीन ऐबकआधार (ग्राउंड फ्लोर)
इल्तुतमिशतीसरे, चौथे और पांचवे मंजिल का निर्माण
फिरोज शाह तुगलकपांचवे और अंतिम मंजिल का निर्माण

तीसरे गुलाम वंशी शासक (ऐबक का दामाद) इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार (kutub minar) के तीन मंजिलों को आगे बढाया अर्थात दुसरे, तीसरे और चौथे मंजिलों का निर्माण करवाया| 1368 ई० तुगलक वंशी शासक फिरोज शाह तुगलक ने इसके पांचवी और अंतिम मंजिलों का निर्माण करवाया|

Kutub minar – कुतुबमीनार के बारे में

लाल बलुआ पत्थर से बनी इस मीनार को प्रारंभ में नामज के लिए बनाया गया था| इस मीनार में कुरान की आयतों तथा फूल बेलों की नक्कासी की गई है| इस संकुचन में और भी महत्वपूर्ण समरक है, जैसे की 1310 ई० में निर्मित अलाई दरवाजा, कुवत उल इस्लाम मस्जिद इत्यादि|

कुवत उल इस्लाम मस्जिद कुतुबमीनार (kutub minar) के उत्तर-पूर्व में स्थित है जिसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1198 ई० में करवाया था| इस मस्जिद के दक्षिणी द्वारा, अलाई दरवाजा का निर्माण 1310 ई० में अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था| अलाई मीनार, कुतुबमीनार के उत्तर में कड़ी है जिसे अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुबमीनार (kutub minar) से दुगने अकार का बनाने के इरादे से किया था किन्तु इसके केवल पहली मंजिल को हो बनाया जा सका और यह अधुरा ही रह गया, अलाई मीनार 25 मीटर लम्बा है| कुतुबमीनार को को यूनेस्कों ने विश्व विरासत घोषित किया है|

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