Alauddin khilji ke uttradhakari : अलाउद्दीन खिलजी अपने शासनकाल में अपनी सीमा का विस्तार कर दक्षिण भारत तक पहुँचा दिया था किन्तु खिलजी के उत्तराधिकारी उतने योग्य व सक्षम नहीं थे जो प्रभुत्व को बनाए रख सके परिणामस्वरूप अलाउद्दीन खिलजी के मृत्यु उपरांत खिलजी वंश का तेजी से पतन शुरू हो गया| खिलजी वंश सुल्तान नासिरुद्दीन खुसरो शाह अंततः अलाउद्दीन खिलजी के पुरे परिवार की हत्या उसी प्रकार से कर दिया जिस प्रकार से कभी अलाउद्दीन खिलजी अपने चाचा जलालुद्दीन फिरोज खिलजी और उसके परिवार की हत्या करवा दिया था|
खिलजी के उत्तराधिकारी | Alauddin khilji ke uttradhakari
अलाउद्दीन खिलजी के मृत्यु के बाद शिहाबुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी का उत्तराधिकारी था अतः सुल्तान बना किन्तु कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी जिसे मलिक काफूर सितून महल में कैद कर रखा था ने मलिक काफूर की हत्या कर दी और शिहाबुद्दीन को अन्धा करवा स्वंय सुल्तान बन गया|
कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी (1316 ई० से 20 ई०)
कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी ने “खलीफतुल्ल अल्लाह” की उपाधि धारण किया| मुबारक शाह खिलजी देवगिरी को जीतकर दिल्ली सल्तनत में मिला लिया और देवगिरी का नाम बदलकर कुतबाबाद या खुत्बाबाद रखा| वारंगल के कुछ हिस्सों को भी दिल्ली सल्तनत में मिलाया इस प्रकार दक्षिण को दिल्ली सल्तनत में मिलाने की शुरुआत मुबारक शाह खिलजी ने किया|
इसने 4 वर्ष का शासन किया फिर नसीरुद्दीन खुसरों ने 1320 ई० इसकी हत्या कर गद्दी पर बैठा किन्तु गयासुद्दीन तुगलक नसीरुद्दीन खुसरों को अपदस्त कर गद्दी पर बैठा और एक नए राजवंश तुगलक वंश की स्थापना किया|
नोट – क्षमा करों और भूल जायो इसकी नीति थी|
नासिरुद्दीन खुसरो शाह (1320 ई०)
नासिरुद्दीन खुसरो शाह, कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी की हत्या कर 15 अप्रैल 1320 ई० में दिल्ली की गद्दी पर बैठा| सुल्तान बनते ही अलाउद्दीन खिलजी के परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी| नासिरुद्दीन खुसरो शाह पहले हिन्दू था किन्तु परिवर्तन कर मुसलमान बना अतः यह पहला भारतीय मुसलमान था जो दिल्ली सल्तनत का शासक बना|