अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास | Alauddin Khilji History in Hindi

अलाउद्दीन खिलजी का मूल नाम, अली गुर्शास्य था, इसने सत्ता व धन के लालच में जलाउद्दीन खिलजी की हत्या कर दिल्ली का सुल्तान बना| सुल्तान बनते ही इसने जलाउद्दीन खिलजी के दोनों पुत्र अर्काली खां और रुकनुद्दीन इब्राहीम हत्या करवा दिया ताकि उसका सिंहासन सुरक्षित रह सके| अलाउद्दीन खिलजी सुल्तान बनाने से पहले मानिकपुर व कड़ा का सूबेदार था| कड़ा में ही Alauddin khilji मुहम्मद सलीम और इत्यारुद्दीन जलाउद्दीन खिलजी की हत्या करवाया और बलबन के लाल महल में राज्याभिषेक करवाया| सिरसा नामक एक शहर वसाया और अपनी राजधानी बनाया और यामिन-उल-खिलाफत की उपाधि धारण किया था|

Alauddin Khilji (अलाउद्दीन खिलजी)

Alauddin Khilji सिकंदर से काफी प्रभावित था अतः इसने सिकंदर-ए-साथी व सिकंदर द्वितीय की उपाधियाँ भी धारण की सिक्कों अंकित करवाया| यह एक अलग धर्म बनाना चाहता था लेकिन कोतवाल अलाऊल मुल्क के कहने पर इस विचार को भी इसने त्याग दिया| अलाऊल मुल्क मित्र था इसके सलाह को सम्मान करता था| बलबन ने अपने समय जो सल्तनत का सुदीढ़करण किया उसका लाभ alauddin khilji उठाया अतः सल्तनत का साम्राज्यवादी युग आरंभ हुआ|

मंगोल आक्रमण

Khilji मंगोलों के प्रति रक्त एवं शुद्धता पर आधारित अग्रगामी नीति अपनाई| सर्वाधिक मंगोल आक्रमण अलाउद्दीन खिलजी के समय हुआ ये आक्रमणकारी मध्य एशिया के मंगोल शासक दावा खां द्वारा भेजे गए थे|

मंगोल आक्रमणवर्षनेतृत्व (मंगोल नेता)
प्रथम आक्रमण1296 ई०कादर खान
द्वितीय आक्रमण1297-98 ई०साल्दी
तीसरा आक्रमण1299 ई०कुतलुग ख्वाजा
चौथा आक्रमण1303 ई०तारगी
पांचवां आक्रमण1305 ई०अली बेग एवं तरकत
छठा आक्रमण1306 ई०कबक खां
सातवाँ आक्रमण1307-08 ई०इकबालमन्द

जफ़र खां मंगोलों के विरुद्ध अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति था जो 1299 ई० में हुए मंगोल आक्रमण के दौरान में कीली के मैदान में मारा गया| जफ़र खां को युग का हीरो कहा जाता है, इसके मृत्यु पर अलाउद्दीन खिलजी कहा कि, बिना अपमानित हुए ही उससे छुटकारा मिल गया| 1303 ई० में तारिक मंगोल 2 माह तक दिल्ली को घेरे रहा| अलाउद्दीन खिलजी तारिक से संधि कर वापस भेजा| यह एक प्रकार से अलाउद्दीन खिलजी की पराजय थी| इसके बाद मगोलों से बचने के लिए 1304 ई० में राजधानी सीरी स्थान्तरित कर, सीरी को किलेबंदी कर दी| गुलाम वंश एवं कुतुबुद्दीन ऐबक

1306 ई० गाजी मालिक (गयासुद्दीन तुगलक) ने मंगोलों के आक्रमण से दिल्ली को सुरक्षित रखने में सफल रहा| अतः अलाउद्दीन खुश होकर गयासुद्दीन तुगलक को सीमा रक्षक नियुक्त कर दिया| मालिक नायक नामक एक हिन्दू अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति था जिन्होंने मंगोलों को पराजित किया|

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